गुरुवार, 17 मार्च 2016

आस्था, स्वास्थ्य और सम्रद्धि का प्रतीक है गुड़हल


डॉ जी. एस तोमर 
प्रोफेसर (एग्रोनॉमी)
इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़)

                माँ दुर्गा के चरणों में  अर्पित किये  जाने वाले  लाल रंग के  गुड़हल पुष्प को  शक्ति, सौभाग्य एवं सम्रद्धि का प्रतीक  माना जाता है। गुड़हल का पेड़ उसके फूल के आकर्षक रंगों, नैसर्गिक सौंन्दर्य तथा लुभावने घंटाकार पुष्प के कारण उद्यान, घर और मंदिरों में लगाये जाते हैं। गुड़हल को भारत में जासौन, चाइना  रोज तथा वनस्पति शास्त्र में इसे हिबिस्कस रोसा सिनेन्सिस कहा जाता है जो की माल्वेसी परिवार का शोभायमान सदस्य है। भारत के  प्रायः हर बगीचे की रौनक होता है गुड़हल का फूल।  धार्मिक आस्था से जुड़ा  सजावटी पुष्प होने के साथ-साथ हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में स्वास्थ्य प्रबंधन में इस अद्भुत बनस्पति का बहुत योगदान हो सकता है। आजकल  गुडहल के फूल अनेक आकर्षक  रंगों में उपलब्ध  हैं जैसे, लाल, सफेद , गुलाबी, पीला और बैगनी आदि।  श्वेत या श्वेताभ लाल रंग के पुष्पवाला गुड़हल विशेष गुणकारी होता है।यह सुंदर सा गुडहल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा पड़ा है। इसका इस्तेमाल खाने- पीने या दवाओं लिए किया जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और गले के संक्रमण जैसे रोगों का इलाज किया जाता है। गुड़हल के पुष्प में लौह, फॉस्फोरस, कैल्शियम, राइबोफ्लोबिन, थियामिन, नियासिन व विटामिन सी अल्प मात्रा में होता है। गुड़हल के पत्तों में थोड़ी सी मात्रा में केरोटीन पाया जाता है ।

स्वास्थ्य का खजाना 
           सामान्य से गुड़हल के पौधे और उसके आकर्षक फूलों में हमारी सेहत से जुड़े तमाम गुड छिपे है। तो आइये जानते हैं गुडहल के स्वास्थ्य और औषधीय लाभ के बारे में-
1. गुडहल से बनी चाय को प्रयोग सर्दी-जुखाम और बुखार आदि को ठीक करने के लिये प्रयोग की जाती
4. - डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीडित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं।
5. क्या आप जानते हैं कि गुडहल की चाय भी बनती है। जी हां, गुडहल की चाय एक स्वास्थ्य हर्बल टी है। कई देशों में गुड़हल की पत्तियों से निर्मित चाय का सेवन ओषधि के रूप में किया जाता है। किडनी से सम्बंधित समस्या होने पर इससे बानी चाय बिना शक्कर के लेने से आराम मिलता है।  इसकी चाय एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी प्रभावी होती है।  यही नही इसमें पाये जाने वाले तत्व आर्टरी में प्लेक को जमने से रोकते है , जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इसके फूलों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने के अलावा ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। अतः इसके फूलों को गर्म पानी में उबालकर चाय के रूप में लेना स्वास्थ्य के लिए हितकारी होता है। 
6. गुडहल का फूल काफी पौष्टिक होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह पौष्टिक तत्व सांस संबन्धी तकलीफों को दूर करते हैं। यहां तक की गले के दर्द को और कफ को भी हर्बल टी सही कर देती है।
7. गुड़हल का शर्बत दिल और दिमाग को शक्ति प्रदान कर मेमोरी पावर को बढ़ता है।  इसके लिए गुड़हल की 10  पत्तियां और 10 फूल लेकर सुखाकर और पीस कर उसका पाउडर बना लिए जाता है। इस पाउडर को हवाबंद को किसी हवा बंद डिब्बे में पैक कर रख लें। दिन में दो बार दूध के साथ इस पाउडर के सेवन से मेमोरी पावर में इजाफा होता है।
8. गुड़हल के लाल फूल वाले पौधे  की 25 पत्तियां नियमित खाने से  डायबिटीज रोग पर काबू पाया जा सकता है ।
9.   गुडहल के फूल ही नहीं बल्कि पत्तियां भी बालों को स्वस्थ, सुन्दर, काले घने और चमकीले बनाने में सहायक होते है। एक मुट्ठी गुड़हल की पत्तियों व फूलों को  मिग्रा. नारियल तेल में उबालकर ठंडा कर लें। इससे शिर  मालिश करने से बाल गिरने/झड़ने की समस्या से निजात मिलेगी और बाल बढ़ने लगेगें।
10.  गुडहल के पत्ते तथा फूलों को सुखाकर पीस लें। इस पावडर की एक चम्मच मात्रा को एक चम्मच मिश्री के साथ पानी से लेते रहने से स्मरण शक्ति तथा स्नायुविक शक्ति बढाती है।
11.  गुडहल के फूलों को सुखाकर बनाया गया पावडर दूध के साथ एक एक चम्मच लेते रहने से रक्त की कमी दूर होती है
12. गुड़हल के पत्तो का लेप सूजन को मुलायम करके दर्द को कम करता है।
13.  यदि चेहरे पर बहुत मुंहसे हो गए हैं तो लाल गुडहल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर त्वचा पर लगाए
14. गुड़हल के फूलों को खुजली, दाग व पपड़ीदार त्वचा पर लगाने से यह स्वस्थ हो जाती है।


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